Prophet Adam हजरत आदम अलयहे सलाम part 1





अल्लाह Allah (the God) का शुक्र है जिस ने अंबिया अलयहे सलाम ( Prophets )  को दुनिया में लोंगों की हिदायत (सही रास्ता दिखाने) के वास्ते अरसाल किया और सना (सब तारीफ) है उस मोला(अल्लाह) को के जिस ने पैगंबर व नेकी तल्कून (समझदारों) से अपने बंदो को ईमान की दौलत से मालामाल किया।

जिक्रे नुरे मोहम्मदी सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम और पैदाइसे काईनात का
( Noor -e- Mohammad and making of universe and Earth ) 

हजरते जाबिर र॰ अ॰ से रिवायत हे की (he called) मेने बारगाहे रिसालत माआब सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम में अर्ज़ किया “या रसुलुल्लाह सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम मेरे माँ बाप आप पर क़ुरबान ! मुझे बताएं के अल्लाह तआला ने सब से पहले किस चीज़ को पैदा किया?” रसुलुल्लाह सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम ने फरमाया “ऐ जाबिर ! बेशक अल्लाह तआला ने तमाम मख़लूक़ (को पैदा करने) से पहले तेरे नबी का नूर अपने नूर से पैदा फरमाया, ये नूर अल्लाह की माशीयत (मर्जी) से जहां उस ने चाहा सैर करता रहा। उस वक्त न तो लोह थी न कलम, न जन्नत थी न दोज़ख, न (कोई) फिरिस्ता था ना आसमान ना जमीन, ना सूरज था ना चाँद, ना जिन्न थे और ना इंसान। जब अल्लाह तआला ने ईरादाह फरमाया के मख़लूक़ को पैदा करें तो उसने इस नूर को चार हिस्सो में तकसीम कर (बाँट) दिया। पहले हिस्से से कलम बनाया, दूसरे हिस्से से लोह और तीसरे हिस्से से अर्श (the Universe ) बनाया फिर चोथे हिस्से को मजीद चार हिस्सो में तकसीम किया पहले हिस्से से अर्श उठाने वाले फिरिस्ते ( Angeles ) बनाए और दूसरे हिस्से से कुर्सी और तीसरे से बाकी फिरिस्ते पैदा किए। फिर चोथे हिस्से को मजीद चार हिस्सो में तकसीम किया तो पहले हिस्से से आसमान ( sky ) बनाए, दूसरे हिस्से से जमीन ( Earth ) और तीसरे हिस्से से जन्नत ( heaven ) व दोज़ख (hell) बनाई। फिर चोथे हिस्से को मजीद चार हिस्सो में तकसीम किया तो पहले हिस्से से मोमिन (Muslim) की आंखो का नूर बनाया, दूसरे हिस्से से इन के दिलों का नूर (यानि अल्लाह की मूआरफ़त) बनाया, तीसरे हिस्से से इन के इन्स का नूर (यानि तौहीद ला इलाहा इल्लल्लाहो मुहम्मदूर रसुलुल्लाह) पैदा किया।


हजरते आदम अलयहे सलाम ( Prophet Adam ) First Nabi
First human being on earth

अबुल शेख वगैरा मोहद्दीसिन ने रसुलुल्लाह सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम से रिवायत की है की जब अल्लाह ने हजरते आदम अलयहे सलाम ( Prophet Adam ) को पैदा करने का इरादाह किया तो जिब्रील अलयहे सलाम ( Gabriel ) को भेजा के तमाम सतह जमीन से सफ़ेद और स्या (काली) और सुर्ख (लाल) और शूर (खारी) और शिरीन (मीठी) और नरम और सख्त, हर ऐक किस्म की मिट्टी ऐक मुट्ठी भर के ले आए। जब जिब्रील अलयहे सलाम ( Gabriel ) ने जमीन से मिट्टी लेने का कसद किया तो जमीन ने पूछा के क्यों मुझ में नुकसान पहुंचता है जिब्रील अलयहे सलाम ने जवाब दिया की अल्लाह तुझ से ऐक एसी मख़लूक़ पैदा करेगा जिसको जमीन की खिलाफत देगा और सवाब भी पाएगा और अज़ाब में भी मुब्तला होगा। ये सुनकर जमीन ने कहा की में अल्लाह की पनाह लेती हूँ इस बात से की तू मुझ से एसी मिट्टी ले जावे जिसमें से कुछ दोज़ख में भी जले। ये सुनकर जिब्रील अलयहे सलाम उसी तरह लोट आए और अर्ज किया की ऐ अल्लाह, जमीन ने तेरी इज्ज़त की पनाह ली में तेरे नाम और तेरी इज्ज़त के अदब से लोट आया। और फिर अल्लाह तआला ने मिकाईल ( Michael ) अलयहे सलाम को भेजा उनके साथ भी यही मामला हुआ फिर अल्लाह ने इसराफ़ील अलयहे सलाम (Raphael) को भेजा वो भी ईसी तरह लोट गए फिर इज़राईल (Azrail) अलयहे सलाम को भेजा उन्होने जमीन की फरयाद ना सुनी और कहा की में अल्लाह के हुक्म का मूतीअ हूँ तेरी गिरयावजारी की वजह से में अल्लाह के हुक्म से बाज़ नही रह सकता।
            
               तब अल्लाह तआला ने कब्जाए रूह (रूह कब्ज करने) का काम उन को सूपुर्द किया और ये हुक्म दिया की इस खाक की मिट्टी को अब काबा में जमा करे फिर फिर अल्लाह के हुक्म से इसे मक्का और तायफ के दरमियान (बीच में) रखी। अल्लाह तआला ने बाराने रहमत इस मिट्टी पर बरसाया और अपनी कुदरते कामला से हजरते आदम अलयहे सलाम का पुतला उस मिट्टी के खमीर से बनाया और चालीस (40) बरस तक वो कालिब बेजान वहाँ पड़ा रहा जब इनायते इलाहि ने चाहा की हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) में रूह डाले तो रूहे पाक को हुक्म हुआ की आदम के पुतले मे दाखिल हुए। रूह ने खाके काशीफ मे जाने से इंकार किया तो अल्लाह तआला ने फरमाया ऐ जान दाखिल हो इस बदन में। जब रूह हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) के सर मुबारक की तरफ से दाखिल हुई जिस जगह रूह पहुँचती थी बदन खाक का गोस्त और पुस्त में बदलता जाता जब रूह सीना मुबारक तक पहुंची हजरते आदम अलयहे सलाम ने इरादाह उठने का किया वहीं जमीन पर गिर पड़े इस वास्ते अल्लाह तआला ने कुरआन मजीद में इरशाद फरमाया “ऐ इंसान जल्द बाज़”। और ईसी हालत में हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) ने छिंका और ईलहामे ईलाहि से कहा अल्हम्दो लिल्लाह, उस करीम और रहीम ने अपनी रहमत से फरमाया सब से अव्वल जलवा रहमते ईलाही का शामिले हाल हजरते आदम अलयहे सलाम हुआ। जब सारे बदन में रूह पहुँच गई तो हुक्म हुआ की फरिस्तों की जमाअत पर गुजर करो और उनसे अस्सलामू अलयकुम (﴿السلام علیکم कहो और उन्होने जवाब दिया वा अलयकुम अस्सलाम (وعلیکم السلام) व रहमतुल्लाहे व बरकतहु ◌ अल्लाह का हुक्म हुआ की इन्ही कलामात (शब्दो) को हमने तेरे और तेरी उम्मत (मानने वालों) के लिए कलमा बनाया ये सुनकर हजरते आदम अलयहे सलाम ने पूछा मेरी जुर्रियत (जरूरत) क्या है। जवाब मिला की तेरी जुर्रियत हमारे दस्ते रास्त (दाहिना हाथ) और दस्ते चप (बायाँ हाथ) में है जिस तरह की जुर्रियत को पहले देखना चाहे वही दिखा दें हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) पहले अपनी उस जुर्रियत को देखना चाहा जो अल्लाह तआला के दस्ते रास्त में थी चुनाचे अल्लाह तआला ने अव्वल अपना दस्ते रास्त उनकी पुस्त (पीठ, कमर) पर रखा और उनकी औलाद में (और औलादों की औलादों में) जीतने नेक बंदे कयामत तक पैदा होंगे सब जाहीर हो गए और उनकी सूरतें सब हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) के सामने आ गईं।

                    रिवायत की है तिरमिजी र॰ अ॰ ने की जब अल्लाह तआला हजरते आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) को पैदा कर चुका तो उनको ऐक तख्त (सिंहासन, कुर्सीनुमा ऊंची जगह) पर बेठाया जो सोने और याकूत सुर्ख का बना हुआ था और उसके नो सो (900) पाए (legs) थे। अल्लाह तआला के हुक्म से उस तख्त को जिबरील( , मिकाईल, इस्राफ़ील, इसराईल अलयहे सलाम ने अपने कंधो पर उठाया और हुक्म हुआ के तमाम आसमानों में फिराओ और तमाम अजाईबात दिखाओ। इसी वजह से औलाद- ए- हजरते आदम अलयहे सलाम के जनाजे को चार आदमी उठाते हैं। हजरते आदम अलयहे सलाम का कद साठ (60) हाथ लंबा था। कस्तलानी ने शरह बुख़ारी मे इब्ने कतीबा का ये कौल (बात) नकल किया है (वहाँ से लिया है) की हजरते आदम अलयहे सलाम की दाढ़ी नहीं निकली थी उनके बाद उनकी औलादों के दाढ़ी निकलना शुरू हुई। 

                 अल्लाह तआला से सबसे पहले कायनात ( universe ) की तमाम चीजों के नाम हजरते आदम अलयहे सलाम को सिखाए यहाँ तक की छोटे और बड़े प्याले का नाम भी बताया। ऊंट, गाय और बकरी जेसे मामूली नाम भी बताए और बाज़ औलमा के नजदीक ईस्मा से ये मुराद है की हजरते आदम अलयहे सलाम को दुनिया की तमाम जबाने (भाषा) (languages) सिखाई गई। पस उनकी औलाद में से हर ऐक शख्स ऐक ऐक जबान में गुफ्तगू (बात) करने लगा। जब सारी औलादें जाबजाँ मुतफ़र्रिक (जुदा, अलग अलग) हो गए तो तो ऐक ऐक जबान ऐक ऐक फिरका (समाज) की खास जबान हो गई। ये ज़बानें जिनहे अल्लाह तआला ने हजरते आदम अलयहे सलाम को सीखा दीं थी वही उनकी औलादों में आज तक बोली जाती हैं। 

                 रिवायत की है हाकिम वगैरा ने के रसुलुल्लाह सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम (Mohammad) ने फरमाया है की अल्लाह तआला ने तालिमे इस्मा के जमन में हजरत आदम अलयहे सलाम को मुखतलफ पैशे (काम) (work) में से ऐक हजार (1000) काम भी सिखाए और फरमाया की अपनी औलाद को हुक्म कर के अगर बगैर माले दुनिया के सब्र ना कर सको तो माल को इन तरीकों से काम कर के कमाओ और दुनिया को दीन से तलब न करना इसलिए की दीन खलीस मेरे लिए है फिर उन सब की सूरतों (शक्लों) को मलाईका के सामने पैश किया और फरमाया बताओ सब के बारे में।
 
                फरिस्तों (Archangels) ने कहा था की "ऐ ! अल्लाह(Allah), तू ऐसों को खलीफा करेगा जो फसाद और खूनरंजी करेंगे और जबकि खिलाफत के हकदार हम हैं" । आदम अ॰ स॰ के पैदा करने से पहले अल्लाह ने फरिस्तों को हुक्म किया था की में मिट्टी से ऐक बशर (इंसान) पैदा करने वाला हूँ जब में उसको संवारु (बनाऊ)और उसमे रूह फूंकू (डालूँ) {उसको ज़िंदा कर दूँ} तो तुम उसके लिए सजदे में गिर जाना । जिस वक्त हुक्म हुआ फरिस्तों को की सजदा करो हजरत आदम अ॰ स॰( Prophet Adam ) को बस सब ने सजदा किया मगर ईब्लिस (शैतान) (iblis) ने सजदा नहीं किया ।
                 इस बात में औलमाओं का इख्तलाफ़ है की ईब्लीस असल में कोन था इतना तो कुरान शरीफ ( Quran , Qur'an ) में मौजूद है की वो जुमराह(जमाअत) जिन्न में था फिर निकाल गया अपने रब के हुक्म से । इब्ने अब्बास रदी अल्लाहो अनहों और इब्ने मसूद रदी अल्लाहो अनहों का कॉल है की ये उन मलाईका में से था जिनको जिन्न कहते थे इस किस्म के मलाईका (Angels) की औलादें भी होती हैं। नूदी रहमतुल्लाह अलयहे ने इसको सही कहा है । उनकी अव्वल दलील ये है की मलाईका के सिवा किसी और को इस सजदे का हुक्म होना मुमकिन नहीं है और ईब्लिस को सजदे का हुक्म बेशक हुआ था। जिसको ना मानने से वो नाफ़रमान बना पस मालूम हुआ की ईब्लिस मलाईका में से था।
 
                  इब्लीश नें सजदे से इन्कार किया वो काफ़ीर हुआ। काफीरों में होने से मुराद ये है की इल्मे आला में हमेशा से ये मुकर्रर था की वो आखिर को काफ़ीर हो जाएगा। अल्लाह ने इबलिश (Iblis) से पूछा के ऐ इब्लिश क्या मामला पैश आया के तूने उसको सजदा नहीं किया जिसको मेनें पैदा किया तूने मना किया क्या तू कोई बड़े मरतबे वाला है। इब्लिश ने जवाब दिया मे उस (आदम अलयहे सलाम) से अफजल हूँ इसलिए की मुझको तूने आग से पैदा किया है और उसको मिट्टी से पैदा किया है। फौरन अल्लाह तआला का हुक्म हुआ की इब्लिश तू मेरी रहमत से निकाल जा और तू मरदूद है और क़यामत तक तुझ पर मेरी लानत है। उस वक्त इब्लिश ने कहा की ऐ मेरे अल्लाह  मुझको क़यामत तक मोहलत दे अल्लाह तआला ने कहा तुझको क़यामत तक मोहलत दी गई उस वक्त इब्लिश ने कहा की ऐ अल्लाह तेरी इज्ज़त की कसम है तेरे खालिस (खास) बंदो के सिवाए में उन सबको बहकाऊंगा। अल्लाह तआला ने कहा हाँ सच है और हम भी सच कहते हैं की भर देंगे जहन्नम को तुझ से और उन सब से जो तेरी पेरवी करेंगे (तेरी राह पर चलेंगे)।
               
            और अल्लाह तआला ने फरमाया ऐ आदम अलयहे सलाम, आराम कर तू ओर तेरी बीबी जन्नत में और खाओ जन्नत की नियामतें, अच्छी तरह जेसे चाहो तुम दोनों। यहाँ आदम की बीबी से मुराद बीबी हव्वा ( Eve ) है अल्लाह तआला ने आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) की दिल्लगी के लिए हव्वा (Eve) को पैदा किया और दोनों को जन्नत (heaven) में रहने की इजाजत दी। इब्ने ईसाक ने हजरते अब्बास रदीअल्लाहो अन्हों से रिवायत की है के बीबी हव्वा (Eve) आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) की बाईं तरफ की छोटी पसली से पैदा की गई और वो (आदम अलयहे सलाम) उस वक्त सोए हुए थे। हाफ़िज़ इब्ने हजर रदीअल्लाहो अन्हों ने फतह अलबारी शरीह बुखारी (hadith) में लिखा है की बीबी हव्वा (Eve) आदम अलयहे सलाम( Prophet Adam ) की पसली से इस तरह पैदा हुई जेसे खजूर की गुठली से दरख्त (tree) उगता है और उस पसली की जो जगह खाली हुई उसमे अल्लाह तआला ने गोश्त पैदा कर दिया। रिवायत किरतबी वगैरा ने लिखा है की हव्वा (Eve) आदम अलयहे सलाम की पसली से इस तरह पैदा हो गई के आदम अलयहे सलाम को मुतल्लक खबर तक न हुई ओर वो सोते रहे।
to be continued Part 2 click here

No comments:

Post a Comment

Prophet Adam हजरत आदम अलयहे सलाम part 2

अल्लाह तआला ने आदम अलयहे सलाम , बीबी हव्वा (Eve) को जन्नत (Heaven) में हर तरह की नियामतें दीं मगर एक दरख्त (tree) से मना भी किया था। रि...